भाजपा संविधान की सबसे बड़ी पुजारी- केशव प्रसाद मौर्या
वाराणसी, जनमुख न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के विरासत को सम्मानित करने के लिए हर संभव प्रयास किया। 1990 में भाजपा समर्थित सरकार ने भारत के कानूनी एवं सामाजिक ढांचे को आकार देने में उनकी अद्वितीय भूमिका को मान्यता देते हुए डॉक्टर अंबेडकर को प्रतिष्ठित भारत रत्न से सम्मानित किया। अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में 12 अप्रैल 1990 को संसद के केंद्रीय कक्ष में डॉक्टर अंबेडकर की तस्वीर लगाई गई जो भारतीय लोकतंत्र में उनके महत्व को दर्शाती है। भाजपा संविधान की सबसे बड़ी पूजारी है। उक्त बातें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने गुलाब बाग स्थित भाजपा कार्यालय में “संविधान गौरव अभियान के तहत आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार डॉक्टर अंबेडकर के योगदान का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि उनकी विरासत को आने वाली पीढियां के लिए संरक्षित किया जाए। डॉक्टर अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों की पहचान की गई और उन्हें पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया गया जिसमें डॉक्टर अंबेडकर के जन्म भूमि महू मध्य प्रदेश, डॉक्टर अंबेडकर की शिक्षा भूमि लंदन, डॉक्टर अंबेडकर की दीक्षाभूमि नागपुर, डॉक्टर अंबेडकर की महापरिनिर्वाण भूमि दिल्ली एवं चैतन्य भूमि मुंबई जहां उनकी समाधि बनाई गई है। कहा कि बाबा साहेब के स्वप्न अधुरे, पीएम मोदी कर रहे पूरे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस ने डॉक्टर अंबेडकर को उनके जीवित रहते हुए भी नजर अंदाज किया लेकिन भाजपा ने इतिहास के पन्नों में उनका नाम दर्ज कराने के हर संभव प्रयास किए। 30 सितंबर 2015 को मोदी सरकार ने डॉ अंबेडकर के जीवन और कार्य के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि उनकी विरासत को पूरे देश में याद किया जाए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने डॉक्टर अंबेडकर की स्मृति को सम्मानित करने की हर कदम को उनके न्याय समानता और समावेशी समाज के दृष्टिकोण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता के रूप में प्रस्तुत किया है उनकी विचारधारा आज भी भाजपा की नीतियों को प्रेरित करती है जो हर भारतीय विशेष रूप से हाशिए पर खड़े समुदायों को सशक्त बनाने का प्रयास करती है डॉक्टर अंबेडकर ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था जो न्याय, समानता और एकता को महत्व देता है इस सपने को आधार मानकर भारतीय जनता पार्टी राष्ट्र के भविष्य का निर्माण कर रही है। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने भारत की संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का ऐतिहासिक फैसला किया।
केशव मौर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पांच ऐतिहासिक संशोधनों ने सामाजिक और लैंगिक न्याय को बढ़ावा दिया। इनमें ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण और विधायिकाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण शामिल है। ये सुधार अधिक समावेशी भारत के दिशा में एक ऐतिहासिक कदम थे। कहा कि 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना एक ऐतिहासिक कदम था। इसने जम्मू और कश्मीर में महिलाओं के संपत्ति अधिकारों को बहाल किया और जनजातीय समुदायों को आरक्षण का लाभ सुनिश्चित किया और अंततः इस क्षेत्र को भारत के संवैधानिक मूल्यों के साथ जोड़ा गया।
डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा ने 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पेश किया जो पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है इस अधिनियम के तहत अधिकांश लाभार्थी दलित और जनजातीय समुदाय से हैं। कहा कि मोदी सरकार ने औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता से बदलकर भारत के कानूनी ढांचे में ऐतिहासिक सुधार किया है 160 साल पुराने औपनिवेशिक कानूनो को खत्म करके भारतीय न्याय संहिता के साथ साथ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के जरिए भारतीय कानूनी व्यवस्था को उपनिवेशवाद से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा सरकार ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 पारित किया, जिससे तीन तलाक की प्रथा को अपराध घोषित कर दिया गया यह कानून व्यक्तिगत कानूनो को लैंगिक न्याय, समानता और निष्पक्षता के संवैधानिक सिद्धांतों के साथ संरेखित करता है यह साहसिक सुधार महिलाओं को सशक्त बनाने और भारतीय संविधान के मूलभूत मूल्यों को बनाए रखने के लिए भाजपा सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मौर्या ने कहा कि 1952 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और कम्युनिस्ट नेताओं ने नेहरू की सीधी निगरानी में डॉक्टर अंबेडकर को हराने के लिए बाबासाहेब के पीए नारायण राव काजरोलकर को उम्मीदवार बनाया था। 1954 के भंडारा उपचुनाव में कांग्रेस ने फिर से डॉ अंबेडकर को संसद से बाहर रखने के प्रयास किए और काजरोलकर को फिर से मैदान में उतारा। नेहरू ने व्यक्तिगत रूप से उपचुनाव में डॉ अंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया जो उनके प्रति नेहरू की शत्रुता को दर्शाता है। कहा कि डॉ अंबेडकर के महान योगदान के बावजूद नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया। इसके बजाय 1970 में कांग्रेस ने नारायण राव काजरोलकर को पद्म भूषण पुरस्कार दिया जिन्होंने 1952 के चुनाव में डॉ. अंबेडकर को हराया था।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने बयानों के माध्यम से यह दर्शाना चाहते हैं कि वो दलित और पिछड़ों के सबसे बड़े हिमायती हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि कांग्रेस पार्टी दलित और पिछड़ों की सबसे बड़ी दुश्मन रही है। कहा कि आरक्षण व्यवस्था को नकारने का काम सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने किया। मंडल आयोग की सिफारिशों को नकारने का काम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने किया। दलितों और पिछड़ों को आरक्षण से वंचित रखने का काम कांग्रेस पार्टी और उनकी सरकारों ने किया। कहा कि आज जिस संविधान की दुहाई कांग्रेस के नेता दे रहे हैं उसी संविधान की हत्या इन्होंने बार बार की और देश में आपातकाल तक लगाया।
पत्र प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए केशव मौर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 20 अप्रैल 2015 में डा अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय केंद्र का शिलान्यास एवं 7 दिसंबर 2017 को उद्घाटन हुआ। यह केंद्र अनुसंधान, नीति विश्लेषण और सामाजिक- आर्थिक परिवर्तन का केंद्र है जो डॉ अंबेडकर के समानता और समावेशन के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाता है।