मणिपुर: छात्रों और सुरक्षा बलों मे भिड़ंत, 5 दिन के लिए इंटरनेट बंद
नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। मणिपुर सरकार के डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग को लेकर राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे छात्रों, महिला प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच आज झड़प हो गई। हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इससे पहले सोमवार से ख्वाइरामबंद महिला बाजार में डेरा डाले सैकड़ों छात्रों ने बीटी रोड के साथ राजभवन की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस भवन के पास सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंका। इस बीच मौजूदा हालात के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है। थौबल में बीएनएसएस की धारा १६३ (२) के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। पूरे राज्य में अगले पांच दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है।अधिसूचना के मुताबिक, मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में १० सितंबर को दोपहर तीन बजे से १५ सितंबर को दोपहर ३ बजे तक पांच दिनों के लिए लीज लाइन, वीसैट, ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं सहित इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित रोकने का आदेश दिया गया है।राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘मणिपुर राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था के हालात को देखते हुए यह आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व लोगों की भावनाओं को भड़काने वाली तस्वीरें, अभद्र भाषा और घृणास्पद वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है। भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों से जान-माल की हानि, सार्वजनिक निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंच सकता है। आदेश में कहा गया है। ‘राष्ट्र-विरोधी और असामाजिक तत्वों की साजिशों और गतिविधियों को नाकाम करने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने, जानमाल के नुकसान या खतरे को रोकने, सार्वजनिक हित में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त उपाय करना जरूरी हो गया है। इसमें विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे टैबलेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि पर व्हाट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए गलत सूचना और झूठी अफवाहों के प्रसार को रोकना और भीड़ जुटाने के लिए बल्क एसएमएस भेजना शामिल है।