सीरिया पर विद्रोहियों का कब्जा, राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भागे
नई दिल्ली, जनमुख अंतर्राष्ट्रीय न्यूज। विद्रोहियोंं ने सीरिया पर कब्जा कर लिया हैैं। सीरिया के चार शहरों पर कब्जे के बाद अब सबसे मजबूत किला समझे जाने वाले राजधारनी दमिश्क पर भी विद्रोहियों ने फतह हासिल कर ली है। इसके साथ ही पचास साल से चले आ रहे राष्ट्रपति बशर अल असद के परिवार का शासन समाप्त हो गया है। राष्ट्रपति बशर अल असद भी सीरिया छोड़कर अज्ञात जगह के लिए रवाना हो चुके हैं। वहीं उनका परिवार पहले ही सीरिया छोड़कर रूस जा चुका है। विद्रोहियों ने रक्षा मंत्रालय और रेडियो-टीवी केंद्र अपने नियंत्रण में ले लिया, वे हवाई फायरिंग कर जीत का जश्न मना रहे हैं. विद्रोहियों ने कहा कि ‘यह ५० वर्षों के उत्पीड़न और १३ वर्षों के अपराध, अत्याचार और विस्थापन का अंत है।’ विद्रोहियों ने रक्षा मंत्रालय और रेडियो-टीवी केंद्र अपने नियंत्रण में ले लिया, वे हवाई फायरिंग कर जीत का जश्न मना रहे हैं विद्रोहियों के राजधानी दमिश्क में प्रवेश करते ही उनके स्वागत में लोग घरों से निकलने लगे। दमिश्क के कई चौक चौराहों पर लोगों का जमावड़ा लग रहा है। वे ‘आजादी’, ‘आजादी’ के नारे लगा रहे हैं। विद्रोहियों के कमांडरों ने कहा है कि हम इस मौके का स्वागत करते हैं, अब राजनीतिक बंदियों को छोड़ा जा रहा है ५० साल पहले बशर अल-असद के पिता हाफिज अल-असद ने बड़े खूनखराबे के साथ देश की सत्ता पर कब्जा किया था।
५० साल रहा राष्ट्रपति बशर अल असद के परिवार का शासन
सीरिया पर राष्ट्रपति बशर अल असद का २४ वर्ष और उनके परिवार का शासन करीब ५० साल रहा और अब ५० साल बाद सीरिया से इस परिवार का शासन खत्म हो गया है। राष्ट्रपति बशर और उनके परिवार के सीरिया छोड़कर भागने की चर्चा है। वहीं विद्रोहियों ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है। प्रधानमंत्री ने भी विद्रोहियों से मिलकर नई सरकार का गठन करने की बात कही है। विद्रोही गुट एचटीएस ने कहा है कि अब नया सीरिया बनेगा, जहां सब शांति से रहेंगे। दमिश्क की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उतर बशर सरकार के पतन का जश्न मना रहे हैं।
सीरिया गृह युद्ध में जा चुकी है पांच लाख से ज्यादा लोगों की जान
बशर अल असद सरकार और विद्रोही गुटों के बीच जारी संघर्ष में अब तक पांच लाख से ज्यादा लोगों के मारे जाने का दावा है। साथ ही बीते १३ वर्षों में सीरिया से करीब ६८ लाख लोग देश छोड़कर जा चुके हैं। इनमें से अधिकतर लोग तुर्किये और यूरोपीय देशों में रह रहे हैं। सीरिया के ३० फीसदी हिस्से पर पहले भी विद्रोहियों का कब्जा था, लेकिन अब अधिकतर हिस्से पर उनका कब्जा हो गया है।
सार्वजनिक संस्थानों पर भी विद्रोहियों का कब्जा
सीरिया में बशर अल असद सरकार ढह गई है और सीरिया के सार्वजनिक संस्थानों पर भी विद्रोही गुट का कब्जा हो गया है। विद्रोही नेता अहमद अल शारा ने कहा है कि देश के सार्वजनिक संस्थान ‘पूर्व प्रधानमंत्री’ की देखरेख में रहेंगे, जब तक नई सरकार सत्ता पर काबिज नहीं हो जाती। वहीं प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल जलाली ने भी नई सरकार के सत्ता पर काबिज होने में मदद की बात कही। राष्ट्रपति बशल अल असद के देश छोड़कर भागने की खबर है।
कौन है विद्रोही गुट के नेता अबु मोहम्मद अल जोलानी
सीरिया के विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम का प्रमुख अबु मोहम्मद अल जोलानी एक इस्लामिक नेता है, लेकिन वह खुद के आधुनिक होने का दावा करता है। जिसका मकसद सीरिया की सत्ता से बशर अल असद सरकार को हटाना है। जोलानी बीते कई वर्षों से खुफिया तरीके से गुट का नेतृत्व कर रहा था, लेकिन अब वह खुलकर दुनिया के सामने आ गया है और वैश्विक मीडिया को इंटरव्यू दे रहा है। अबु जोलानी का जन्म १९८२ को हुआ था और उसका लालन-पालन सीरिया की राजधानी दमिश्क के माजेह इलाके में हुआ। जोलानी के परिवार का ताल्लुक गोलान हाइट्स इलाके से है और उसका दावा है कि उसके दादा को साल १९६७ में गोलान हाइट्स इलाके से भागना पड़ा था, जब गोलान हाइट्स पर इस्राइल का कब्जा हो गया था। वैसे सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ाने वाला विद्रोही गुट हयात तहरीर अल शाम आंतकी संगठन अल कायदा की शाखा रहा है। हालांकि बाद में इस संगठन ने खुद को अल कायदा से अलग कर लिया था। एचटीएस ने साल २०१६ में अल कायदा से अपना नाता तोड़ लिया था और जोलानी ने खुद को गुट का नेता घोषित कर दिया था। पश्चिमी देश एचटीएस को आतंकी संगठन मानते हैं।