शतरंज की दुनिया में भारत का डंका, विश्व चैम्पियन बन कर डी गुकेश रचा इतिहास
नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत के शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश सबसे कम उम्र के विश्व चैम्पियन बन गए हैं। विश्वनाथ आनंद के बाद विश्व चैम्पियन बनने वाले दूसरे भारतीय हैं। 18 वर्ष के डी गुकेश 64 खानों के खेल में दुनिया में भारत का डंका बजा दिया है। गुकेश ने गुरुवार को विश्व चैंपियनशिप की 14वीं और अंतिम बाजी में चीन के विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को काले मोहरों से खेलने के बावजूद हरा दिया। जीत के साथ गुकेश के 7.5 अंक हो गए। उन्होंने यह मुकाबला 7.5-6.5 से जीत कर विश्व खिताब जीता।
कम उम्र में चैम्पियन बनने में गुकेश ने रूस के महान गैरी कास्परोव को पीछे छोड़ दिया। कास्परोव अब तक के सबसे युवा विश्व चैंपियन थे। वह 1985 में 22 वर्ष की उम्र में चैंपियन बने थे। आनंद के बाद दूसरे भारतीय चैम्पियन बनने वाले गुकेश पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद के ही शिष्य हैं और उन्हीं की अकादमी वेस्टब्रिज आनंद चेस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। आनंद ही गुकेश के आदर्श हैं।
निर्णायक 14वीं बाजी ड्रॉ की ओर बढ़ रही थी। माना जा रहा था कि विश्व चैंपियन का फैसला टाईब्रेकर के जरिये होगा, लेकिन 55वीं चाल में लिरेन ने भारी भूल कर दी, जिसका गुकेश ने फायदा उठाकर जीत हासिल की।
गुकेश ने इस वर्ष ही कैंडिडेट्स टूर्नामेंट को जीतकर डिंग लिरेन को चुनौती देने का अधिकार हासिल किया था। गुकेश विश्व चैंपियन को चुनौती देने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने। उन्होंने यह टूर्नामेंट विश्व नंबर दो फैबियानो कारुआना, विश्व नंबर तीन हिकारु नाकामुरा और भारत के आर प्रगनानंदा की मौजूदगी में जीता। इसी वर्ष उन्होंने अर्जुन एरिगेसी, प्रगनानंदा, विदित गुजराती के साथ मिलकर भारत को पहली बार चेस ओलंपियाड का चैंपियन बनाया।