पीडीए के लिए संविधान को बचाना है -अखिलेश यादव
नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। आज संसद में हो रही चर्चा में समाजवादी पाटीa की ओर से अखिलेश यादव ने कहा कि यह संविधान हमारी ढाल है, हमारी सुरक्षा है, यह हमें समय-समय पर शक्ति प्रदान करता है। संविधान शोषित, उपेक्षित, पीड़ित और वंचितों के अधिकारों का सच्चा संरक्षक है। यह संविधान बहुत बड़ा सहारा है। हमारे जैसे लोगों और देश के कमजोर लोगों के लिए, खासकर पीडीए के लिए संविधान बचाना जीवन-मरण का सवाल है।
हम जाति जनगणना कराएंगे- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। लोकसभा में ‘भारत के संविधान की ७५ साल की गौरवशाली यात्रा’ पर बहस में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘जब भी हमें मौका मिलेगा, हम जाति जनगणना कराएंगे।’ अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जाति सर्वेक्षण से जातियों के बीच की खाई पाटी जा सकेगी। उन्होंने सरकार से गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े देने की भी मांग की। इसके साथ ही उन्होंने कथित चीनी अतिक्रमण को लेकर सरकार पर हमला किया और दावा किया कि देश की सीमाएं सिकुड़ रही हैं। अखिलेश यादव बोले- संविधान देश की प्राणवायु है
हमारे जैसे लोग और देश के कमजोर लोगों के लिए संविधान देश की प्राणवायु है। संविधान कितना भी अच्छा हो, लेकिन उसे लागू करने वाले अच्छे नहीं होंगे तो परिणाम भी अच्छे नहीं होंगे। संविधान पर फिर चर्चा हो रही है। कई बिंदु हैं। आज सीमाओं की रक्षा करना पहला कर्तव्य है। जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा पर जब समय-समय पर सेंध लगती हो। कई जगह पर हमारी सीमाएं सिकुड़ रही हैं। हमारे संसदीय मंत्री अरुणाचल प्रदेश में चीन के बगल में रहते हैं। हमारे पड़ोस में कितने गांव बस गए हैं। गांव की तरह घर बसा दिए गए हैं। लद्दाख की तरफ दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। हम अपनी सीमा पर ही पीछे हटे हैं ।अखिलेश बोले- ७५ साल बाद सीमाएं कितनी सुरक्षित हैं
हमारे सरकार के लोग जानते होंगे कि जब लद्दाख को लेकर बात उठी तब रेजांगला मेमोरियल तोड़ दिया गया है। उस लड़ाई के लिए हमारी फौज की बहादुरी बताई गई थी। केवल १२ किमी सड़क बनी थी और पड़ोसी देश ने क्या-क्या नहीं कहा। वो समय आएगा जब हमें मानसरोवर और कैलाश पर पर्वत पर जाने से भी वो देश रोकेगा। ७५ साल बाद सीमाएं कितनी सुरक्षित हैं। क्या हमारी फौज वहां है?
अखिलेश बोले- देश में २०१४ के बाद विषमता तेजी के साथ बढ़ी है
देश में २०१४ के बाद विषमता तेजी के साथ बढ़ी है। १४० करोड़ में से ८२ करोड़ सरकारी अन्न पर जिंदा हैं। जो देश को दुनिया की सबसे तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था कहते हैं, जब ८२ करोड़ अन्न पर हैं। पूरी प्रॉपर्टी पर सिर्फ कुछ लोगों का हिस्सा है। गरीब जो ६० फीसदी है उनकी इनकम क्या है। कम से कम ये आंकड़े भी दे दे कि इनकम है क्या। स्पष्ट हो जाएगा कि ५ फीसदी लोगों की इनकम क्या है।
अखिलेश बोले- मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा
२० करोड़ से ज्यादा अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने का काम चल रहा है। घर तोड़े जा रहे हैं, उनके पूजा स्थलों पर कार्रवाई की जा रही है। धर्मनिरपेक्ष शासन की क्या यह परिभाषा है। यूपी में इस तरह की घटनाएं जानबूझकर की गर्इं। जिस समय यूपी का इलेक्शन चल रहा था, वोट डालने वालों को रोका गया। जो लोग वोट डालने वालों को डराया जा रहा था। ऐसे इंतजाम थे कि वो बूथ तक ना पहुंच पाएं। तस्वीरें पूरे देश और दुनिया ने देखी थीं कि यूपी सरकार के इशारे पर पुलिस अधिकारी ने रिवॉल्वर दिखाकर महिलाओं को वोट डालने से रोका। महिलाओं की बहादुरी की मैें तारीफ करता हूं।
अखिलेश बोले- जनता के वोट का मायने नहीं रह गया
सरकारी मशीनरी के जरिए जहां चाहे अपनी सरकार बना लेते हैं। जनता के वोट का मायने नहीं रह गया। हिटलर ने ऐसा ही किया था और हमारी सरकार भी उसी राह पर चल रही है। हर मस्जिद के पीछे मंदिर जोड़ने वाले शख्स इस देश में शांति चाहते ही नहीं हैं।
अखिलेश बोले- जनता का धन्यवाद कि उन्होंने ४०० पार के नारे को गिरा दिया
आए दिन पेपर आउट और पेपर लीक। जानबूझकर ऐसा किया जाता है ताकि परीक्षा रद्द की जा सके। अग्निवीर की व्यवस्था हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं। पहले जैसी भर्ती से सीमाएं और सुरक्षित होंगी। कैसी चर्चा संविधान की, जो है बिना प्रधान की। इस सरकार में लोकतंत्र के साथ जितना खिलवाड़ हुआ, कभी नहीं हुआ। संविधान बचेगा तो न्याय बचेगा, न्याय बचेगा तो सबको बराबर सम्मान और मौके मिलेंगे। भेदभाव मिटेगा। आज संविधान बचाने के लिए एक और करो या मरो आंदोलन की जरूरत है। सत्ता पक्ष के लोग कहते थे कि इतनी सीटें मिलेंगी तो संविधान बदल देंगे। जनता का धन्यवाद कि उन्होंने ४०० पार के नारे को गिरा दिया।