अमरीका मेंं भी सात में से एक परिवार भूखमरी के कगार पर

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। हाल ही में अमरीका के कृषि विभाग (यूएसडीए) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट ‘२०२३ में संयुक्त राज्य अमरीका में घरेलू खाद्य सुरक्षा’ ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, २०२३ में अमरीका के सात में से एक परिवार को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा। इसका मतलब है कि लगभग ४.७४ करोड़ अमेरिकी नागरिक इस संकट से जूझ रहे हैं, जिनमें १.३८ करोड़ बच्चे शामिल हैं। यह स्थिति उस देश के लिए है, जिसे पूरी दुनिया अपनी समृद्धि और समग्र आर्थिक शक्ति के लिए जानती है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि अमेरिका जैसे विकसित देश में खाद्य असुरक्षा का यह संकट क्यों बढ़ रहा है?
अमरीका में खाद्य असुरक्षा का मतलब केवल यह नहीं है कि किसी व्यक्ति के पास खाने के लिए भोजन नहीं है, बल्कि इसका मतलब यह भी है कि उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, ताकि वे एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने के लिए आवश्यक भोजन खरीद सकें। यूएसडीए के अनुसार, २०२३ में ५.१ प्रतिशत अमेरिकी परिवारों ने गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना किया। इस श्रेणी में आने वाले परिवारों ने बताया कि उन्हें नियमित रूप से भोजन छोड़ने या कम खाना खाने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वे अधिक भोजन खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं जुटा सकते थे। इसके अलावा, ११ प्रतिशत अमेरिकी परिवारों ने यह चिंता जाहिर की कि उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि वे भोजन खरीदने के लिए पैसे आने से पहले उनका राशन खत्म हो जाएगा। यह स्थिति अमरीका में एक बड़ी समस्या बन चुकी है, जहां पर्याप्त अनाज का उत्पादन होते हुए भी लाखों लोग भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं।
अमरीका में खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों की संख्या, भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक ओडिशा की आबादी से भी अधिक है। २०११ की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा की आबादी लगभग ४.५ करोड़ है, जबकि अमरीका में खाद्य असुरक्षा से प्रभावित लोग इस आंकड़े को पार कर चुके हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह समस्या केवल विकासशील देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि अमरीका जैसे समृद्ध राष्ट्र को भी इस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।रिपोर्ट में कहा गया है कि २०२३ में ३.६८ करोड़ लोग यानी ११.१ प्रतिशत अमेरिकी नागरिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे।
अश्वेत और लातीनी समुदायों पर सबसे अधिक असर
अमरीका में खाद्य असुरक्षा का सबसे अधिक असर अश्वेत और लातीनी समुदायों पर पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, अश्वेत परिवारों में खाद्य असुरक्षा की दर २३.३ प्रतिशत है, जबकि लातीनी परिवारों में यह दर २१.९ प्रतिशत है। श्वेत परिवारों के मुकाबले यह दर दोगुनी है, जहां केवल ९.९ प्रतिशत परिवार खाद्य असुरक्षा से प्रभावित हैं। यह स्थिति नस्लीय असमानताओं को और उजागर करती है, जहां वंचित समुदायों को खाद्य सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का अधिक सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, अमरीका के दक्षिणी हिस्से में खाद्य असुरक्षा की दर पूरे देश के औसत से कहीं अधिक है, जो बताता है कि यह समस्या केवल एक विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में व्याप्त है।

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