चायनीज मांझे को किया गया दफन
वाराणसी, जनमुख न्यूज़। सोमवार, यानी 13 जनवरी को समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में सपाजनों ने 21 फीट का चाइनिज राक्षस का प्रतीकात्मक पुतला सरायमोहाना से मोटरबोट पर लेकर निकले व। विरोध मार्च की सूचना पर जब तक पुलिस पहुंचती, तब तक सपाई मोटरबोट पर पुतले को लेकर निकल पड़े थे। यह यात्रा चाइनिज मांझे के विरोध में निकाली गई थी, जो कि कई लोगों की जान ले चुका है। पुतले पर ‘मैं चाइनिज मांझा राक्षस हूं, मैं लोगों का खून पीता हूं’ लिखा हुआ था। विरोध मार्च नमो घाट, गायघाट, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध घाट, केदारघाट होते हुए असी घाट पर पहुंचा। इसके बाद पुतले को गंगा उस पार बालू में ले जाकर दफना दिया गया।
कौतूहल का विषय बना रहा 21 फीट का चाइनिज राक्षस
21 फीट का चाइनिज राक्षस का पुतला गंगा घाट किनारे लोगों के कौतूहल का विषय बना रहा, पर्यटकों के साथ ही काशीवासी पुतले की वीडियो और फोटोग्राफी की। विरोध यात्रा में शामिल होने वाले लोगों ने कहा कि वे चाइनिज मांझे के विरोध में हैं और सरकार से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे, इसके अलावा जमकर सत्ता और शासन के खिलाफ नारेबाजी करते चल रहे थे। यह घटना बनारस के गंगा घाट किनारे एक अनोखा नजारा प्रस्तुत करती रही। इस तरह अनोखे तरीके से लोगों को चाइनिज मांझे के खिलाफ जागरूक किया।
इस मौके पर सपा नेता किशन दीक्षित ने कहा कि चाइनिज मांझा का आतंक देशभर में फैला हुआ है। यह मांझा न केवल पक्षियों की जान ले रहा है, बल्कि इंसानों की भी जान ले रहा है। आए दिन चाइनिज मांझा के कारण लोगों की मौत की खबरें सुनने को मिलती हैं। फिर भी यह मौत का सामान बाजार में खुलेआम बिक रहा है। यह सवाल उठता है कि जब चाइनिज मांझा पर प्रतिबंध है, तो फिर यह बाजार में कैसे बिक रहा है? इसका जवाब है सत्ता और प्रशासन की नाकामी। सरकार और प्रशासन की लापरवाही के कारण यह मौत का सामान बाजार में बिक रहा है।
पूर्व पार्षद मनोज यादव ने कहा कि चाइनिज मांझा के कारण होने वाली मौतों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। यह एक गंभीर समस्या है, जिसका समाधान जल्दी से जल्दी निकाला जाना चाहिए। सरकार और प्रशासन को चाइनिज मांझा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगानी चाहिए। इसके अलावा, लोगों को भी जागरूक किया जाना चाहिए कि चाइनिज मांझा का उपयोग न करें। लोहिया वाहिनी के संदीप मिश्रा ने कहा कि यह समय है जब हमें एकजुट होकर चाइनिज मांझा के खिलाफ लड़ना चाहिए। हमें अपने आसपास के लोगों को जागरूक करना चाहिए और सरकार से मांग करनी चाहिए कि वे चाइनिज मांझा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाएं। तभी हम अपने समाज को सुरक्षित बना सकते हैं। विरोध मार्च में रविकांत विश्वकर्मा, दीपचंद गुप्ता, शानू सिन्हा, अयान अहमद सिद्दीकी, शुभम सिंह आदि रहे।