अंडे का ठेला लगाने वाले का पुत्र बना जज, कहा- माता-पिता की मेहनत ने दी प्रेरणा
पटना, जनमुख न्यूज। बिहार में अंडे का ठेला लगाने वाले के पुत्र ने जज बन कर लोगों के लिए एक मिसाल पेश की है। राज्य के औरंगाबाद जिले के शिवगंज के आदर्श कुमार नामक इस युवक ने न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर न सिर्फ अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा किया है बल्कि राज्य के युवाओं के लिए भी आदर्श प्रस्तुत किया है। बिहार लोक सेवा आयोग ने ३२वीं न्यायिक सेवा परीक्षा २०२४ का फाइनल रिजल्ट कल ही जारी किया था। जिसमें कई उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की है। लेकिन सबसे खास कहानी की है। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने न केवल अपने सपने पूरे किए बल्कि
पिता अंडा की ठेला लगा कर करते हैं परिवार का पालन-पोषण
आदर्श कुमार के पिता विजय साव ठेले पर अंडा और ब्रेड बेचकर अपने सात सदस्यीय परिवार का पालन-पोषण करते हैं। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी। आदर्श ने अपने पिता की मेहनत और संघर्ष को सम्मान देते हुए बीपीएससी की ३२वीं न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर अति पिछड़ा वर्ग श्रेणी में १२०वीं मेरिट पाई और जज बने।
माता-पिता मेरे भगवान- आदर्श कुमार
आदर्श ने अपनी सफलता को माता-पिता की मेहनत और संघर्ष का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता मेरे भगवान हैं। उनकी प्रेरणा और समर्थन के बिना मैं यह मुकाम हासिल नहीं कर सकता था।’ आदर्श का कहना है कि माता-पिता ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया और उनकी मेहनत को देखकर ही वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
आदर्श की कहानी यह साबित करती है कि मेहनत, लगन और परिवार के समर्थन से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। उनकी सफलता देश के हर युवा के लिए प्रेरणा है।
मां ने कर्ज लेकर जारी रखी बच्चों की पढ़ाई
आदर्श की मां सुनैना देवी ने भी परिवार की मदद के लिए एक सेल्फ हेल्प ग्रुप से कर्ज लिया और अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाया। यह बात उन्होंने अपने बच्चों और परिवार से छिपाकर रखी, ताकि बच्चों का ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर रहे।