चुनाव परिणाम आने के तीन दिन बाद भी नही बनी सरकार
नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। महाराष्ट्र में अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे पर सहमति नहीं बन पाई है। भाजपा शिवसेना और एनसीपी साथ बैठकर सहमति से फैसला लेने की बात कह रहे हैं तो विपक्ष इस देरी पर सवाल उठा रहा है। दावा किया जा रहा है कि भाजपा हाईकमान जातीय समीकरण से लेकर एनडीए के सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना चाह रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की स्थिति में एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा नहीं होना चाहते। मामला इसलिए भी तूल पकड़ रहा है, क्योंकि भाजपा के पास बंपर सीटें आई हैं और अजित पवार खुद को सीएम की रेस से बाहर कर चुके हैं। ऐसे में फडणवीस और शिंदे के बीच में से किसी एक को चुनने में इतनी देरी क्यों हो रही हैं? अटकलें ये भी है कि कहीं भाजपा नया नाम लाकर सभी को चौंकाने तो नहीं जा रही इससे पहले शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच दिल्ली में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने एलान कर दिया था कि भाजपा नेतृत्व ने देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, लेकिन पार्टी की ओर से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की गई। शिवसेना नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव शिंदे के नेतृत्व में ही लड़ा और जीता गया। उन्हें सीएम बनाया जाना चाहिए।वहीं प्रदेश भाजपा नेताओं का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा करने की जल्दबाजी में नहीं है। हमें निर्णायक जनादेश मिला है और अब प्राथमिकता सरकार गठन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करना है। इसमें विभागों का बंटवारा और जिलों के प्रभारी मंत्री जैसे प्रमुख पदों का वितरण शामिल है। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा का चेहरा रहे फडणवीस मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।