भूखी ‘जीनत’ से तीन राज्यों में खौफ!

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। राष्ट्रीय उद्यान से भटकी तीन साल की बाघिन जीनत ने तीन राज्यों के लोगों में दो सप्ताह से खौफ पैदा कर रखा है। ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में रहने वाली जीनत बाघिन दो राज्यों से होते हुए बंगाल पहुंची। बंगाल के पुरुलिया के एक पहाड़ी जंगल में तीन दिनों में पहली बार जीनत ने अपना शिकार किया है।अधिकारियों ने बताया कि जीनत ने लगभग ३० किलो वजन वाली एक बकरी को मार डाला और उसका एक बड़ा हिस्सा खा लिया।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, दो सप्ताह पहले ओडिशा के सिमिलिपाल राष्ट्रीय उद्यान से भटकी तीन वर्षीय मादा बाघ जीनत को अभी तक पकड़ा नहीं गया है। वन अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उसने अपना पहला शिकार किया है। ‘उसने एक बकरी को मार डाला है, जो जंगल में भटक गई थी। उसने उसका कुछ हिस्सा खा लिया था और वह बहुत भूखी लग रही थी। अब, हम उसे पकड़ने के लिए शव का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। हमने शव के पास ट्रैंक्विलाइज़र की एक टीम रखी है, उम्मीद है कि बाघिन भोजन खत्म करने के लिए वापस आएगी। बाघों के लिए यह आम बात है।
३ राज्यों में मचा है हड़कंप
ओडिशा और झारखंड से आने के बाद बाघिन पिछले कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बंदवान वन क्षेत्र में है। वह वन विभाग के अधिकारियों द्वारा लगाए गए चारे से बच रही है। मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने कहा कि ‘हमें लगता है कि उसे पहले भी चारे का इस्तेमाल करके पकड़ा गया होगा। इसलिए वह हमारे द्वारा दिए गए चारे के पास नहीं आ रही है। हमने उस क्षेत्र के आसपास छह और स्मार्ट कैमरे लगाने का फैसला किया है, जहां वह वर्तमान में मौजूद है। इन कैमरों में नाइट विजन और रियल टाइम इमेजरी है, जो हमें बाघिन को ट्रैक करने में मदद करेगी। हमारी टीमें जमीन पर हैं और ओडिशा की टीमों के साथ समन्वय कर रही हैं।’ रॉय ने कहा कि दो और बकरियां भी मारी गर्इं। जिन्हें ग्रामीणों ने जंगल से ले आए थे. एक अन्य बकरी जिस पर चोट के निशान थे। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय ग्रामीण की बकरियों का झुंड जंगल के पास चर रहा था।
१४ नवंबर को महाराष्ट्र से ओडिशा आई जीनत
रॉय ने कहा कि अगर कोई टीम ६० मीटर के भीतर पहुंच जाती है, तो वह भाग जाती है’। जीनत को १४ नवंबर को महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व से ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व में लाया गया था, जो रिजर्व के जीन पूल को मजबूत करने के एक कार्यक्रम का हिस्सा था।
१० दिसंबर को वह पार्क से भाग निकली और झारखंड में चली गई। झारखंड के चाकुलिया इलाके में एक हफ्ते से अधिक समय तक रहने के बाद, जीनत ने १५ किलोमीटर की दूरी और तय की और हाल ही में झारग्राम में प्रवेश किया। इसके बाद बाघिन पुरुलिया के बंदवान में पहुंच गई। सिमलीपाल से पुरुलिया तक का पूरा सफर जीनत ने करीब २०० किलोमीटर तय किया। ‘जीनत’ नामक एक बाघिन के खौफ से पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के चाकुलिया प्रखंड के कई इलाकों में पिछले चार-पांच दिनों से अघोषित कर्फ्यू जैसी स्थिति रही। बाघिन भूखी बताई जा रही है और आशंका है कि वह मौका पाकर किसी को भी अपना शिकार बना सकती है।

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