भारतवंशी महिला संभालेंगी कनाडा की कमान!
नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद नए प्रधानमंत्री की दौड़ में कनाडा के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ दो भारतवंशी नेता अनीता आनंद और जॉर्ज चहल भी प्रमुख दावेदारों के रूप में सामने आए हैं। जिसमें अनीता आनंद पीएम पद के रेस में सबसे आगे बतायी जा रही है।
अनीता आनंद क्यों हैं पीएम रेस में सबसे आगे?
भारतवंशी अनीता आनंद, जो वर्तमान में कनाडा की परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही हैं। अनीता २०१९ में सांसद बनीं और ट्रूडो सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में भी अहम जिम्मेदारी निभा चुकी हैं। कोविड-१९ महामारी के दौरान वैक्सीन खरीद और यूक्रेन को सहायता भेजने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। अनीता का जन्म १९६७ में नोवा स्कोटिया में भारतीय माता-पिता के घर हुआ था। उनकी मां पंजाब से और पिता तमिलनाडु से हैं। अनीता, जो एक कानून की प्रोफेसर भी रह चुकी हैं, एयर इंडिया कांड की जांच में भी शामिल रही हैं। अगर अनीता आनंद या जॉर्ज चहल में से कोई भी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो इससे भारत-कनाडा के बिगड़े संबंधों में एक बार फिर मजबूती आने की संभावना है।
जॉर्ज चहल की दावेदारी
लिबरल पार्टी के सांसद जॉर्ज चहल भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में हैं। हालांकि, कुछ सांसदों ने उन्हें अंतरिम नेता नियुक्त करने का सुझाव दिया है, जिससे यदि यह होता है, तो वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर हो सकते हैं। चहल, जो वकील और कैलगरी सिटी काउंसलर रहे हैं, सिख कॉकस के अध्यक्ष भी हैं और उन्होंने ट्रूडो से पार्टी चुनाव की मांग की थी।
२०१५ में प्रधानमंत्री बने जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता में हाल के वर्षों में बढ़ती महंगाई और आवास संकट के कारण तेजी गिरावट देखी गयी। जिसके बाद उनकी सहयोगी पार्टी एनडीपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था, और एक सर्वेक्षण में ७३प्रतिशत कनाडाई नागरिकों ने ट्रूडो से इस्तीफे की मांग की थी। लिबरल पार्टी राष्ट्रपति से चुनाव कराने की अपील कर सकती है। अगर पार्टी जल्दी स्थायी प्रधानमंत्री नहीं चुन पाती, तो ट्रूडो ही अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करते रह सकते हैं।