घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया रोडवेज का बाबू। बोला ‘आर एम’ के कहने पर लिया पैसा
वाराणसी, जनमुख न्यूज़। वाराणसी में गुरुवार को रोडवेज में कार्यरत एक बाबू को एंटी करप्शन की टीम ने 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि पकड़ा गया बाबू रियाजुद्दीन नौकरी ज्वाइन करवाने के लिए एक संविदा कर्मी से 50 हजार रुपए मांग रहा था।
एंटी करप्शन के अधिकारियों ने बताया कि मीरजापुर के रहने वाले रमेश कुमार मिश्रा ने एंटी करप्शन ब्यूरो वाराणसी में शिकायत करते हुए बताया था कि वह परिवहन विभाग में कार्यरत है। उसका तबादला के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में की रिट याचिका में ज्वाइनिंग का आदेश हुआ था।
इस संबंध में आरोपी बाबू रियाजुद्दीन द्वारा ज्वाइनिंग के लिए 50 हजार रुपए की डिमांड की जा रही है। इस पर गुरुवार को पीड़ित रमेश को 50 हजार रुपए देकर रियाजुद्दीन से मिलने के लिए भेजा और एंटी करप्शन के अधिकार भी आस-पास ही सादे वेश में मौजूद रहे। जैसे ही रियाजुद्दीन ने पैसा पकड़ा उसे पकड़ा लिया गया और जब उसका हाथ धुलाया गया तो वह लाल हो गया। फिलहाल, उसे सिगरा थाने लाया गया है। जहां आवश्यक लिखा पढ़ी के बाद के उसे जेल भेजने की तैयारी है।
उधर सिगरा थाने पर आरोपी कनिष्क लिपिक रियाजुद्दीन ने आरोप यह पैसा आरएम साहब के कहने पर लिया है। मेरा इससे कुछ लेना देना नहीं है। मैं छोटा कर्मचारी हूं इसलिए मुझे फंसाया जा रहा है।
रियाजुद्दीन ने बताया किआरएम साहब ने मुझे कल ही बुलाकर कहा था कि रमेश आएगा, जो की संविदा ड्राइवर है। वह 50 हजार रुपया लेगा उससे लेकर रख लेना। वहीं हुआ आज दोपहर मै नमाज पढ़ने गया हुआ था। उसी दौरान रमेश का फोन आया तो उसने कहा कि वो ऑफिस आ गया है तो मैंने कहा नमाज पढ़ के आता हूं। नमाज पढ़ के पहुंचा तो रमेश ने मुझे पैसे दिए जिसे मैंने जेबे में रख लिया। उसी दौरान कुछ लोग आये और उन्होंने मुझे पकड़ लिया।
संविदा ड्राइवर रमेश कुमार मिश्रा के अनुसार वो चंदौली डिपो पर संविदा ड्राइवर हैं। चुनाव की ड्यूटी में मेरा वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद मेरा ट्रांसफर उन्होंने विन्ध्यनगर डिपो में कर दिया। इसपर हम क्षेत्रीय प्रबंधक के पास पहुंचे तो उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।
इस पर हमने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। वहां से यह आदेश हुआ कि उक्त ड्राइवर को उसी डिपों में नियुक्त किया जाए।
इस आदेश के बाद कई बार मै आरएम कार्यालय और बाबू के पास दौड़ा पर मेरी सुनवाई नहीं हुई। अंत में इन्होने कहा कि एक लाख रुपए लगेंगे।
इस पर मैंने कहा कि गरीब आदमी हूं और संविदाकर्मी हूं कैसे दे पाऊंगा। तो इन लोगों ने 50 हजार रुपए देने को कहा तो मेरे एक दोस्त की सलाह पर हमने एंटी करप्शन में लिखित शिकायत की जिसके बाद आज यह कार्रवाई हुई है।