तबला उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन के खबर की हुई पुष्टि, परिवार ने किया कन्फर्म
नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। तबले के उस्ताद जाकिर हुसैन का आज 73 साल की उम्र में निधन की खबर आई थी। जिसका बाद में उनके भतीजे आमीर औलिया ने इसका खंडन किया था। लेकिन देर रात होते- होते परिवार अंततः तबला उस्ताद के निधन की पुष्टि कर दी। तबीयत नासाज़ होने पर अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में उन्हें भर्ती कराया गया था। उन्हें रक्तचाप की समस्या थी। निधन की खबर पर पहले भतीजे आमीर औलिया ने दावा किया है कि उनके चाचा जाकिर हुसैन जीवित हैं। हालांकि देर रात परिवार ने निधन की खबर कन्फर्म कि। निधन की खबर पर राहुल गाँधी और कई मंत्रियों ने शोक संदेश भी जारी किया। दो सप्ताह पहले तबला उस्ताद को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कल तबीयत बिगड़ने पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया था।
उस्ताद जाकिर हुसैन उस्ताद अल्ला रक्खा खां के पुत्र थे। तबले की तालीम उन्होंने पिता से ही ली थी। उस्ताद जाकिर हुसैन की शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने महज 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया। उन्होंने तीन ग्रैमी अवॉर्ड जीते। पद्म विभूषण से भी नवाजे गए।
पिता की विरासत को आगे बढ़ाया
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 में मुंबई में हुआ था। जाकिर हुसैन ने महज तीन साल की उम्र में अपने पिता से पखावज बजाना सीख लिया था। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपनी पढ़ाई की थी। 11 साल की उम्र में उन्होंने अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट किया और साल 1973 में ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ नाम से अपना पहला एलबम लॉन्च किया था जिसकी काफी सराहना हुई थी। उन्होंने न सिर्फ अपने पिता उस्ताद अल्ला रक्खा खां की पंजाब घराने (पंजाब बाज) की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि तबले के शास्त्रीय वादन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ले गए। उस्ताद को संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा ग्रैमी अवॉर्ड 1992 में ‘द प्लेनेट ड्रम’ और 2009 में ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए मिला। इसके बाद 2024 में उन्हें तीन अलग-अलग संगीत एलबमों के लिए एकसाथ तीन ग्रैमी मिले। 1978 में जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की थी। उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी।
फिल्मों में की एक्टिंग
जाकिर को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में पार्टीसिपेट करने के लिए व्हाइट हाउस में इनवाइट किया था। जाकिर काफी टैलेंटेड थे। तबला वादक होने के साथ-साथ इन्होंने कई फिल्में भी की थीं। जाकिर पेशे से एक्टर भी थे। 12 फिल्में कर चुके थे। 1983 में जाकिर हुसैन ने फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा। इसके बाद 1988 में ‘द परफेक्ट मर्डर’, 1992 में ‘मिस बैटीज चिल्डर्स’ और 1998 में ‘साज’ फिल्म में भी उन्होंने अभिनय किया।