गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस समारोह में क्या होता है अंतर
पूरा देश रविवार को ७६वां गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने के लिए तैयार है। २६ जनवरी १९५० को देश का संविधान लागू हुआ था और भारत गणतंत्र बना था। इसीलिए हर साल २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम और तरीके अलग-अलग हैं। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के अंतर…
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रीय उत्सव हैं। दोनों ही अवसर पर देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत देशवासी जश्न मनाते हैं। स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं के महान बलिदान व योगदान को याद करते हैं।
जहां गणतंत्र दिवस पर लोगों को भव्य परेड का इंतजार रहता है तो वहीं स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्रचारी से प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन का।
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस- दोनों ही अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, उसका सम्मान किया जाता है, लेकिन दोनों के तौर-तरीके बहुत अलग होते हैं। राष्?ट्रीय की स्थिति मायने रखती है।
अंतर-१
स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले उसे बांधकर पोल खंभे के पास रखा जाता है। जब प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए डोरी खींचते हैं तो पहले तिरंगा ऊपर उठता है और फिर फहराता है, इसे ध्वजारोहण फ्लैग होस्टिंग कहते हैं।
वहीं गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के से पहले उसे बांधकर पोल के शीर्ष पर बांध दिया जाता है, जब राष्?ट्रपति डोरी खींचते हैं तो वह फहरने लगता है। इसे झंडा बंधन या झंडा फहराना अन्फर्ल कहा जाता है।
पीएम करते हैं ध्वजारोहण, राष्ट्रपति फहराते तिरंगा
इसके पीछे की वजह है कि जब देश आजाद हुआ था, तब तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार का झंडा उतारकर भारत के झंडे को ऊपर चढ़ाकर फहराया था। उस वक्त भारत का कोई आधिकारिक राष्ट्रपति नहीं था। उस वक्त लॉर्ड माउंटबेटन भारत के गर्वनर थे, लेकिन वे ब्रिटिश सरकार के अफसर थे। इसलिए यह काम पीएम ने किया था।
जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद देश के पहले राष्ट्रपति बने तो उन्होंने २६ जनवरी, १९५० को पहले गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया, उस वक्त राष्ट्रीय ध्वज पहले से ही ऊपर बंधा था तो उसे खोलकर फहराया गया था, ऊपर उठाकर नहीं। तब से हर साल गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
गणतंत्र दिवस और स्?वतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में है ये अंतर
स्वतंत्रता दिवस ध्वजारोहण लाल किले की प्राचीर से किया जाता है, जबकि गणतंत्र दिवस तिरंगा राजपथ पर फहराया जाता है।
२६ जनवरी को राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं, जबकि १५ अगस्त पर देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दूसरे देश के राजनयिकों को आमंत्रित किया जाता है, जबकि स्वतंत्रता दिवस पर किसी भी अतिथि को नहीं बुलाया जाता है।
गणतंत्र दिवस समारोह का समापन २९ जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होता है, स्वतंत्रता दिवस पर आयोजन १५ अगस्त को खत्म हो जाता है।
गणतंत्र दिवस पर देश की सैन्य ताकत व सांस्कृतिक समृद्धि की झलक देशवासियों के सामने झांकियों के माध्यम से प्रस्तुत की जाती है जबकि स्वतंत्रता दिवस पर देश की उपलब्धियां प्रधानमंत्री बताते हैं।