हनुमान जी के पैर में सिंदूर लगाने का क्या है महत्व, आपके जीवन में क्या आता है बदलाव

हनुमान जी के पैर पर सिंदूर लगाने का महत्व हिंदू धर्म में बहुत विशेष माना जाता है। विशेष रूप से उत्तर भारत में हनुमान जी की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा में सिंदूर लगाने की परंपरा है। यह परंपरा विशेष रूप से उनकी भक्ति, शक्ति, और भलाइयों को अपने जीवन में आकर्षित करने के लिए की जाती है। कुछ लोग इस बात को लेकर कशमकश में रहते हैं कि हनुमान जी के कौन से पैर पर सिंदूर लगाना चाहिए।
हनुमान जी की पूजा और सिंदूर का महत्व
हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और वे अपनी शक्ति, भक्ति और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका नाम सुनते ही दिल में भक्ति और विश्वास का अहसास होता है। उन्हें राम के नायक और हनुमान के रूप में पूजा जाता है, जो राम के परम भक्त हैं। हनुमान जी को बल, साहस, और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से हर तरह के भय से मुक्ति मिलती है।
हिन्दू धर्म में सिंदूर का प्रयोग देवी-देवताओं की पूजा में शुभ और पवित्र माना जाता है। यह समृद्धि, सुख, और जीवन के नकारात्मक प्रभावों से रक्षा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हनुमान जी के मंदिरों में विशेष रूप से उनके माथे और उनके शरीर के अन्य भागों पर सिंदूर लगाने की परंपरा है क्योंकि यह उन्हें प्रसन्न करने का एक विशेष तरीका है और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हनुमान जी के कौन से पैर पर सिंदूर लगाना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं और पुरानी परंपराओं के अनुसार, हनुमान जी के दाहिने पैर पर सिंदूर लगाना शुभ माना जाता है। दाहिना पैर ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक होता है। दाहिने पैर को शक्ति और धैर्य का प्रतीक माना जाता है और यह माना जाता है कि दाहिने पैर पर सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति की जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। जब भक्त हनुमान जी के दाहिने पैर पर सिंदूर चढ़ाते हैं, तो इसका अर्थ है कि वे भगवान से शक्ति और सफलता की प्राप्ति चाहते हैं। यह उनके जीवन में सकारात्मकता और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक कदम होता है।
कुछ लोग दोनों पैरों पर सिंदूर लगाने का भी प्रचलन मानते हैं। यह अधिकतर मंदिरों में देखने को मिलता है। इस परंपरा का उद्देश्य हनुमान जी के समग्र आशीर्वाद की प्राप्ति होता है। यह माना जाता है कि जब आप हनुमान जी के दोनों पैरों पर सिंदूर चढ़ाते हैं, तो आप उनकी दोनों शक्तियों शारीरिक और मानसिक का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
क्यों लगाते हैं सिंदूर?
हनुमान जी की पूजा के दौरान सिंदूर चढ़ाने का उद्देश्य उनकी भक्ति और समर्पण को व्यक्त करना है। जैसे हनुमान जी ने राम के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण दिखाया था, वैसे ही भक्त अपनी भक्ति को प्रदर्शित करने के लिए सिंदूर का प्रयोग करते हैं।
सिंदूर हनुमान जी की शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक होता है। यह माना जाता है कि हनुमान जी के प्रति श्रद्धा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सिंदूर चढ़ाना एक शुभ कार्य है, जिससे जीवन में नकारात्मकता का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
सिंदूर का उपयोग हनुमान जी के साथ जोड़कर यह विश्वास किया जाता है कि इससे शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की पूजा और उनका आशीर्वाद जीवन के सभी संकटों और दुखों को समाप्त कर देता है।

इसे भी पढ़े-
गणेश चतुर्थी 2024: विशेषता और महत्व
Ganesh Chaturthi 2024

गणेश चतुर्थी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय स्थान रखता है। यह पर्व भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता Read more

पर्यावरण के महान संरक्षक और सम्मानक थे ‘बाबा नानक’

जनमुख : धर्म-कर्म।  गुरूनानक देव जी ने केवल भारत देश ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में अपने ज्ञान प्रकाश द्वारा Read more

जब लालची आदमी ने नहीं पिलाया गुरु नानक देव जी को पानी

जनमुख न्यूज। गुरु नानक देव जी अपने शिष्यों के साथ यात्रा किया करते थे एक बार गांव के तरफ से Read more

मान्यताएं व परम्परा का वैशिष्टय स्वरूप है ‘देव दीपावली उत्सव’

जनमुख,न्यूज। निर्णय सिधु एवं स्मृति कौस्तुभी में उल्लेखित ‘देव दीपावली पुरातन काल से पौराणिक मान्यताएं एवं कथाओं पर प्रचलित है। Read more

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *