पिता ने रोका तो दादा ने कहा खेलने दो, बेटी ने एथलेटिक्स लहराया परचम
वाराणसी ,जनमुख न्यूज। गांव की पगडंडियो पर दौड़ते हुए स्कूल जाने वाली अजगरा के धर्मपुर गांव की शिखा यादव ने जूनियर नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। २०२० में गांव से निकली खिलाड़ी एथलेटिक्स के सिंथेटिक ट्रैक पर कमाल का प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने चार वर्ष में चार प्रमुख मुकाबलों में पदक जीता खेल की दुनियां में धमाल मचा दिया है।
शिखा ने ओड़िशा में आयोजित तीन किलोमीटर वाक रेस में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। गांव लौटने पर एथलेटिक्स के सिंथेटिक ट्रैक की उड़न परी बनकर उभरी खिलाड़ी का क्षेत्रीय लोगों ने स्वागत किया। शिखा ने बताया कि वह दौड़ में बालकों को भी हरा देती थी। लड़कों के साथ खेलने पर पिता ने उसे डांटा था तब दादा छविनाथ यादव ने उसकी मदद की और पढ़ने के बजाय खेलने की छूट मिली।वर्ष २०२० कक्षा नौवी में उन्होंने भारत सेवक समाज इंटर कॉलेज की ओर से प्रादेशिक प्रतियोगिता खेली और स्वर्ण पदक जीता। यह पहला पदक था घर में खुब खुशी मनाई गई थी। दादा ने गांव में मिठाई बांटी। शिखा ने बताया कि खेल शिक्षक प्रेमशंकर तिवारी ने दिनों में उसकी मदद की। २०२० में प्रादेशिक प्रतियोगिता इटावा सैफई में खेली गई। इसके तीन किलोमीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता।बताया कि प्रेम शंकर तिवारी सेवानिवृत्त होने के बावजूद स्कूल के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते थे। २०२२ स्कूली प्रतियोगिता प्रादेशिक में स्वर्ण पदक जीता लेकिन इस वर्ष राष्ट्रीय स्कूली एथलेटिक्स प्रतियोगिता नहीं हुई। २०२४ में यूथ नेशनल छत्तीसगढ़ में हुई इसके तीन किलोमीटर वाकरेस में रजत पदक जीता। अब बीए द्वितिय वर्ष में पढ़ाई के साथ खेल रहीं हैं।